CrPC Section 125 Kya Hai | पत्नी, बच्चों और माता-पिता के भरण-पोषण का अधिकार जानें

⚖️ Section 125 Kya Hai? (Section 125 CrPC in Hindi)
धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) का उद्देश्य उन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता (Maintenance / भरण-पोषण) दिलाना है, जो स्वयं अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं — जैसे कि पत्नी, नाबालिग बच्चे, या माता-पिता।
यह धारा एक सामाजिक न्याय की व्यवस्था है, जो भारतीय कानून के तहत हर नागरिक को अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाने का दायित्व देती है।
📜 Section 125 की परिभाषा
“Section 125 CrPC के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो अपनी पत्नी, बच्चों या माता-पिता को भरण-पोषण नहीं देता, उसे मजिस्ट्रेट आदेश द्वारा मासिक भरण-पोषण राशि देने का आदेश दे सकता है।”
इसका उद्देश्य परिवार के निर्भर व्यक्तियों को भूख, गरीबी और असहाय स्थिति से बचाना है।
🔎 Section 125 का सार
Section 125, CrPC के अंतर्गत वह कानूनी प्रावधान है जो परिवार के निर्भर सदस्यों — जैसे पत्नी, नाबालिग बच्चे और माता-पिता — को भरण-पोषण (maintenance) दिलाने का अधिकार देता है, यदि दायित्व-रहित व्यक्ति उनकी रक्षा/रखरखाव नहीं कर रहा।
👥 कौन-कौन व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं?
- पत्नी — वैध विवाह होने पर पति से भरण-पोषण मांग सकती है।
- नाबालिग बच्चे — माता-पिता में से जो सक्षम है, उससे maintenance माँगा जा सकता है।
- अविवाहित पुत्री — तब तक उद्धृत हो सकती है जब तक वह शादीशुदा न हो।
- माता-पिता — यदि पुत्र/पुत्री सक्षम होने पर भी उन्हें पेट भरने का साधन नहीं देता।
⚖️ आवेदन की प्रक्रिया (Procedure)
- नज़दीकी मजिस्ट्रेट कोर्ट (Family Court / Magistrate) में Section 125 के तहत आवेदन (petition) दायर करें।
- कोर्ट दोनों पक्षों की सुनवाई करता है और आवश्यक दस्तावेज़ माँगता है—आय प्रमाण, खर्च व अन्य।
- यदि आवश्यक पाया गया तो कोर्ट provisional (अंतरिम) और फिर final maintenance order जारी कर सकती है।
- यदि आदेश का पालन नहीं होता तो recovery/warrant का प्रावधान भी संभव है।
💸 भरण-पोषण राशि कैसे तय होती है?
कोर्ट आमतौर पर निम्न बातों को ध्यान में रखकर मासिक राशि तय करती है:
- दायित्वित व्यक्ति की आय और सम्पत्ति
- रखरखाव माँगने वाले का आवश्यक खर्च (जैसे शिक्षा, चिकित्सा, आवास)
- पारिवारिक जीवन स्तर (living standard)
- यदि कोई अलग-अलग स्रोत से सहायता मिल रही हो तो वह भी गिनी जाती है
⚖️ Section 125 का उद्देश्य
- महिलाओं और बच्चों को आर्थिक सुरक्षा देना
- परिवार के निर्भर सदस्यों को भूख से बचाना
- समाज में नैतिक जिम्मेदारी सुनिश्चित करना
- घरेलू विवादों में सामाजिक संतुलन बनाना
🏛️ Section 125 के अंतर्गत प्रक्रिया
- आवेदन: पत्नी, बच्चा या माता-पिता संबंधित मजिस्ट्रेट न्यायालय में आवेदन करते हैं।
- सुनवाई: अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनती है।
- आदेश: यदि आवेदन उचित पाया जाता है, तो अदालत भरण-पोषण का आदेश देती है।
- भुगतान न करने पर: अदालत Recovery या Warrant जारी कर सकती है।
🧾 Section 125 और BNSS 2023 में परिवर्तन
नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में Section 125 को Section 144 के रूप में शामिल किया गया है।
हालाँकि, इसका मूल उद्देश्य वही है — भरण-पोषण का अधिकार बनाए रखना।
📌 महत्वपूर्ण बिंदु
- पत्नी वैध विवाह में ही Section 125 का दावा कर सकती है।
- यदि पत्नी पुनः विवाह कर लेती है, तो उसे भरण-पोषण का अधिकार समाप्त हो जाता है।
- अदालत अस्थायी (interim) भरण-पोषण का आदेश भी दे सकती है।
- आदेश का पालन न करने पर वसूली या जेल की सजा भी हो सकती है।
🧭 निष्कर्ष
Section 125 CrPC समाज में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सुरक्षा का एक मजबूत कानूनी प्रावधान है। यह पत्नी, बच्चों और माता-पिता को उनके अधिकारों का संरक्षण देता है ताकि कोई भी व्यक्ति भूख या असहाय स्थिति में न रहे।
“भरण-पोषण देना केवल कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है।”
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📌 प्रमुख प्रश्न और क्लियर-नोट्स
क्या पत्नी का अलगाव (desertion) होने पर भी दावा मिल सकती है?
हाँ—यदि पति पत्नी का रखरखाव करने में असमर्थ है या जानबूझकर नहीं रखता, तो कोर्ट भरण-पोषण का आदेश दे सकती है।
क्या पत्नी का पुनर्विवाह होने पर maintenance बंद हो जाता है?
अधिकतर मामलों में हाँ — पुनर्विवाह के बाद पुराने भरण-पोषण के अधिकार समाप्त हो सकते हैं, पर कोर्ट परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेती है।
यदि दायित्वित व्यक्ति विदेश में रहता है तो क्या आदेश लागू होगा?
हां, अदालत अंतर्राष्ट्रीय वसूलियों के जरिये आदेश का पालन कराने के उपाय देख सकती है, पर यह तथ्य-आधारित और जटिल प्रक्रिया हो सकती है।
📎 Practical Tip (आसान भाषा में)
यदि आप Section 125 के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो अपने पास पहचान-दस्तावेज, आय प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट, और किसी भी उपयुक्त सबूत को जुटाकर रखें — इससे आवेदन तेज़ और प्रभावी होगा।
📰 आधुनिक परिप्रेक्ष्य — ट्रेंडिंग मीडिया और कानून
आज के डिजिटल युग में News, YouTube videos या AI-tools पर चर्चा तेज़ी से फैलती है; इसलिए किसी मामले से संबंधित सोशल-media evidence या viral content को संभलकर इस्तेमाल करें — कोर्ट में primary documentary evidence की ही मान्यता अधिक होती है।
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❓ FAQs (सामान्य प्रश्न)
1. Section 125 कहाँ लागू होता है?
Section 125 CrPC भारत के अंतर्गत लागू होता है और यह maintenance के अधिकार से जुड़ा है।
2. क्या Section 125 से जुड़ा आदेश permanent होता है?
अधिकार स्थायी ही नहीं होता; कोर्ट आवश्यकतानुसार interim या final आदेश देती है और परिस्थितियों के अनुसार संशोधन कर सकती है।
3. Bhugtan न करने पर क्या कार्रवाई होगी?
यदि आदेश के बाद भुगतान नहीं किया जाता है तो कोर्ट recovery उपाय (जैसे warrant) और दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है।