Lok Adalat Kya Hai? | लोक अदालत में सुलह से न्याय पाने की पूरी प्रक्रिया समझें!

🔎 लोक अदालत क्या है?
लोक अदालत (Lok Adalat) न्याय प्रणाली का एक ऐसा मंच है जहाँ मामलों को आपसी समझौते और सुलह के माध्यम से निपटाया जाता है। इसे Legal Services Authorities Act, 1987 के तहत स्थापित किया गया है।
लोक अदालत का उद्देश्य है — तेज, सस्ता और सरल न्याय उपलब्ध कराना ताकि आम जनता को अदालतों की लंबी प्रक्रिया से राहत मिल सके।
⚖️ लोक अदालत में कौन-कौन से मामले निपटाए जा सकते हैं?
- सिविल मामले (जैसे संपत्ति विवाद, पैसों का बकाया)
- परिवारिक विवाद (जैसे भरण-पोषण, तलाक, समझौता)
- मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले
- बिजली बिल, बैंक लोन और बीमा से जुड़े विवाद
- कुछ आपराधिक मामले (जिनमें समझौता संभव हो)
ध्यान दें — हत्या, बलात्कार या गंभीर अपराध जैसे मामले लोक अदालत में नहीं निपटाए जाते।
📜 लोक अदालत की प्रक्रिया
- मामला अदालत या किसी पक्ष द्वारा लोक अदालत में रेफर किया जाता है।
- दोनों पक्षों को नोटिस भेजा जाता है।
- लोक अदालत में जज, वकील, और सामाजिक कार्यकर्ता एक साथ बैठकर समझौते की कोशिश करते हैं।
- यदि समझौता हो जाता है, तो वही अंतिम फैसला माना जाता है।
💼 लोक अदालत में निर्णय का कानूनी महत्व
लोक अदालत में जो भी समझौता या निर्णय (Award) होता है, वह एक **सिविल कोर्ट के डिक्री** के समान प्रभावी होता है।
यह निर्णय final और binding होता है, इसके खिलाफ किसी भी सामान्य अदालत में अपील नहीं की जा सकती।
🏛️ लोक अदालत के प्रकार
- स्थायी लोक अदालत (Permanent Lok Adalat): सार्वजनिक उपयोग की सेवाओं (जैसे बिजली, परिवहन, डाक) से जुड़े विवादों के लिए।
- राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat): पूरे देश में एक ही दिन आयोजित होने वाली लोक अदालत।
- तालुका/जिला लोक अदालत: स्थानीय स्तर पर आयोजित न्यायिक मंच।
💡 लोक अदालत में जाने के फायदे
- कोर्ट फीस नहीं लगती
- तेज और सस्ता न्याय
- आपसी संबंध बने रहते हैं
- किसी वकील की अनिवार्यता नहीं
- कोई अपील प्रक्रिया नहीं, इसलिए जल्द निपटारा
📍 लोक अदालत तक पहुँचने के तरीके
यदि आप अपने मामले का निपटारा लोक अदालत में चाहते हैं, तो आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) से संपर्क कर सकते हैं।
इसके अलावा, NALSA (National Legal Services Authority) की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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❓ FAQs – लोक अदालत से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. क्या लोक अदालत में जज होते हैं?
हाँ, लोक अदालत में एक सेवानिवृत्त या वर्तमान जज अध्यक्षता करते हैं, साथ ही दो या अधिक सदस्य होते हैं।
2. क्या लोक अदालत का निर्णय अदालत में चुनौती दी जा सकती है?
नहीं, लोक अदालत में हुआ समझौता या निर्णय अंतिम और बाध्यकारी (binding) होता है।
3. लोक अदालत कितनी बार आयोजित होती है?
राष्ट्रीय लोक अदालत हर दो से तीन महीने में पूरे देश में आयोजित की जाती है, वहीं स्थानीय स्तर पर DLSA नियमित रूप से इसका आयोजन करता है।